Aaj hum Aapko Apni Post “Sawan Ka Mahine Par Speech – सावन का महीने पर स्पीच ” ki sahayata se. Is pawan mahine ke baare main batane jaa rhe hai. Aap is speech ko apne friends ya family mamber other kisi ke sath bhi share kar sakte hai.
Sawan Ka Mahine Par Speech
हिन्दू धर्म, अनेक मान्यताओं और विभिन्न प्रकार के संकलन से बना है। हिन्दू धर्म के अनुयायी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ़ रहते हैं | कि हिन्दू जीवनशैली में क्या चीज अनिवार्य है और क्या पूरी तरह वर्जित। यही वजह है कि अधिकांश हिंदू परिवारों में नीति-नियमों का भरपूर पालन किया जाता है।
Sawan Ka Mahine Par Speech, सावन का महीने पर स्पीच इस पोस्ट में आपको सावन की विशेषता, बेलपत्र को वरदान के बारे में बताएंगे | अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगे तो कृपया अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर कीजिये | साथ ही हमारी साइट ऐसे ही Sawan Ka Mahine Par Speech, सावन का महीने पर स्पीच पोस्ट पढ़ने के लिए सब्सक्राइब कीजिये |
सावन का महीने पर स्पीच
हालांकि मॉडर्न होती जीवनशैली और बाहरी चकाचौंध के चक्कर में लोग अपने वास्तविक मूल्यों को दरकिनार कर चुके हैं। उदाहरण के लिए नवरात्रि को ही ले लीजिए, शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां नवरात्रि के दिनों में मांस, मदिरा का सेवन किया जाता है। ऐसा ही कुछ सावन में भी देखा जाता है।
हिन्दू परिवारों में सावन को बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण महीने के तौर पर देखा जाता है। इसकी महत्ता इसी बात से समझी जा सकती है कि सावन के माह में मांसाहार पूरी तरह त्याज्य होता है और शाकाहार को ही उपयुक्त माना गया है। इसके अलावा मदिरा पान भी निषेध माना गया है। लेकिन ऐसा क्या है जो सावन के माह को इतना विशिष्ट बनाता है?
Kyon hai saavan kee visheshata – क्यों है सावन की विशेषता
हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन महीने को देवों के देव महादेव भगवान शंकर का महीना माना जाता है। इस संबंध में पौराणिक कथा है कि जब सनत कुमारों ने महादेव से उन्हें सावन महीना प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव भगवान शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था।
सावन के महीने में भगवान शंकर की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस दौरान पूजन की शुरूआत महादेव के अभिषेक के साथ की जाती है। अभिषेक में महादेव को जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, गन्ना रस आदि से स्नान कराया जाता है। अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, ऑक मदार, जंवाफूल कनेर, राई फूल आदि से शिवजी को प्रसन्न किया जाता है। इसके साथ की भोग के रूप में धतूरा, भाँग और श्रीफल महादेव को चढ़ाया जाता है।
महादेव का अभिषेक :-महादेव का अभिषेक करने के पीछे एक पौराणिक कथा का उल्लेख है कि समुद्र मंथन के समय हलाहल विष निकलने के बाद जब महादेव इस विष का पान करते हैं तो वह मूर्च्छित हो जाते हैं। उनकी दशा देखकर सभी देवी-देवता भयभीत हो जाते हैं और उन्हें होश में लाने के लिए निकट में जो चीजें उपलब्ध होती हैं, उनसे महादेव को स्नान कराने लगते हैं। इसके बाद से ही जल से लेकर तमाम उन चीजों से महादेव का अभिषेक किया जाता है।
बेलपत्र ने दिलाया वरदान
सावन को साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस माह का प्रत्येक दिन किसी भी देवी-देवता की आराधना करने के लिए सबसे उपयुक्त होता है, विशेष तौर पर इस माह में भगवान शिव, माता पार्वती और श्रीकृष्ण की आराधना की जाती है।
बेलपत्र महादेव को प्रसन्न करने का सुलभ माध्यम है। बेलपत्र के महत्व में एक पौराणिक कथा के अनुसार एक भील डाकू परिवार का पालन-पोषण करने के लिए लोगों को लूटा करता था। सावन महीने में एक दिन डाकू जंगल में राहगीरों को लूटने के इरादे से गया। एक पूरा दिन-रात बीत जाने के बाद भी कोई शिकार नहीं मिलने से डाकू काफी परेशान हो गया।
इस दौरान डाकू जिस पेड़ पर छुपकर बैठा था, वह बेल का पेड़ था और परेशान डाकू पेड़ से पत्तों को तोड़कर नीचे फेंक रहा था। डाकू के सामने अचानक महादेव प्रकट हुए और वरदान माँगने को कहा। अचानक हुई शिव कृपा जानने पर डाकू को पता चला कि जहाँ वह बेलपत्र फेंक रहा था उसके नीचे शिवलिंग स्थापित है। इसके बाद से बेलपत्र का महत्व और बढ़ गया।
2 thoughts on “Sawan Ka Mahine Par Speech – सावन का महीने पर स्पीच”