KavitaPoetry By Amit Sharma

Amit Sharma Poetry in Hindi – अमित शर्मा की कविता

अमित शर्मा की कविता: मैं मुसाफ़िर हूँ, इश्क़ चलने से रखता हूँ रास्तों से नहीं। जिसे मिल जाए इश्क़, वो शाह हो जाए इस ख़ूबसूरत अफ़साने का गवाह हो जाए। आज में आपके साथ "Amit Sharma Poetry in Hindi - अमित श

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