Aaj hum Aapko apni post ke madhyam se Maharana Pratap in Hindi , Maharana Pratap History in Hindi , Maharana Pratap Biography in Hindi Hindustan ke veer sapoot Mebad Ke Raja Maharana Pratap ke baare main batane jaa rhe hai.maharana pratap ka janm 9 may 1540 ko rajasthaan ke Kumbhalgarh mein hua tha | unake pita ka naam maharana uday sinh dviteey aur maata ka naam raanee jeevant kanvar jayavanta baee tha. maharana uday sinh dviteey mevaad ke shaashak the aur unakee rajadhani chittodgadh thi. Maharana prataap unake 17 bhaiyo mein sabase bade the isalie unako mevaad ka uttaraadhikaaree banaaya gaya. ve Sooryavansh ke 54ve shaashak kah laate hai. Maharana Pratap ko bachpan main ‘Keeka’ ke naam se pukara jata tha. Is mahaan yodhha ka vajan 110 kilo aur inki height 7 feet 5 inch thi. Jitna Akele Akbar ka bajan tha utna to akele Maharana ke bhaale ka vajan tha.
Maharana Pratap in Hindi – Maharana Pratap History in Hindi
महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुन्दा में हुआ। बचपन से ही महाराणा प्रताप साहसी, वीर, स्वाभिमानी एवं स्वतंत्रताप्रिय थे। सन 1572 में मेवाड़ के सिंहासन पर बैठते ही उन्हें अभूतपूर्व संकोटो का सामना करना पड़ा, मगर धैर्य और साहस के साथ उन्होंने हर विपत्ति का सामना किया। मुगलों की विराट सेना से हल्दी घाटी में उनका भरी युद्ध हुआ। वहा उन्होंने जो पराक्रम दिखाया, वह भारतीय इतिहास में अद्वितीय है, उन्होंने अपने पूर्वजों की मान – मर्यादा की रक्षा की और प्रण किया की जब तक अपने राज्य को मुक्त नहीं करवा लेंगे, तब तक राज्य – सुख का उपभोग नहीं करेंगे। तब से वह भूमी पर सोने लगे, वह अरावली के जंगलो में कष्ट सहते हुए भटकते रहे, परन्तु उन्होंने मुग़ल सम्राट की अधीनता स्वीकार नहीं की। उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना जीवन अर्पण कर दिया।
Maharana Pratap History in Hindi
महाराणा प्रताप को बचपन में ही ढाल तलवार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाने लगा क्योंकि उनके पिता उन्हें अपनी तरह कुशल योद्धा बनाना चाहते थे | बालक प्रताप ने कम उम्र में ही अपने अदम्य साहस का परिचय दे दिया था | जब वो बच्चो के साथ खेलने निकलते तो बात बात में दल का गठन कर लेते थे | दल के सभी बच्चो के साथ साथ वो ढाल तलवार का अभ्यास भी करते थे जिससे वो हथियार चलाने में पारंगत हो
धीरे धीरे समय बीतता गया | दिन महीनों में और महीने सालो में परिवर्तित होते गये | इसी बीच प्रताप अस्त्र श्श्त्र चलाने में निपुण हो गये और उनका आत्मविश्वास देखकर उदय सिंह फुले नही समाते थे |
मेवाड़ को जीतने के लिए अकबर ने कई प्रयास किए। अकबर चाहता था कि महाराणा प्रताप अन्य राजाओं की तरह उसके कदमों में झुक जाए। महाराणा प्रताप ने भी अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था। अजमेर को अपना केंद्र बनाकर अकबर ने प्रताप के विरुद्ध सैनिक अभियान शुरू कर दिया। महाराणा प्रताप ने कई वर्षों तक मुगलों के सम्राट अकबर की सेना के साथ संघर्ष किया। मेवाड़ की धरती को मुगलों के आतंक से बचाने के लिए महाराणा प्रताप ने वीरता और शौर्य का परिचय दिया।
Maharana Pratap Photos
Maharana Pratap Aur Chetak
महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक इतिहास का सबसे मशहूर घोड़ा है। हल्दी घाटी युद्ध के दौरान चेतक ने अपनी वीरता का परिचय दिया था। चेतक इतना पराक्रमी था कि मानसिंह के हाथी के सिर पर उसने अपने पांव रख दिए थे। युद्ध में घायल हुए राजा महाराणा प्रताप को सुरक्षित रणभूमि से बाहर निकाला था। इतना ही नहीं, महाराणा प्रताप को अपने कंधे पर डालकर 26 फीट का नाला लांघ लिया था।Maharana Pratap in Hindi
Maharana Pratap Jayanti – Maharana Pratap Biography in Hindi
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Maharana Pratap Photo hd – Maharana Pratap Biography in Hindi
Maharana Pratap par Kavita in hindi – Maharana Pratap Biography in Hindi
ran beech chaukadee bhar-bhar kar
chetak ban gaya niraala tha
raanaaprataap ke ghode se
pad gaya hava ka paala tha
jo tanik hava se baag hilee
lekar savaar ud jaata tha
raana kee putalee phiree nahin
tab tak chetak mud jaata tha
girata na kabhee chetak tan par
raanaaprataap ka koda tha
vah daud raha arimastak par
vah aasamaan ka ghoda tha
tha yaheen raha ab yahaan nahin
vah vaheen raha tha yahaan nahin
thee jagah na koee jahaan nahin
kis arimastak par kahaan nahin
nirbheek gaya vah dhaalon mein
sarapat dauda karabaalon mein
phans gaya shatru kee chaalon mein
badhate nad-sa vah lahar gaya
phir gaya gaya phir thahar gaya
vikaraal vajramay baadal-sa
ari kee sena par ghahar gaya
bhaala gir gaya gira nisang
hay taapon se khan gaya ang
bairee samaaj rah gaya dang
ghode ka aisa dekh rang.
Maharana Pratap Biography in Hindi
हमारी भाषा अलग हो सकती है , हमारी संस्कृति नहीं।
हमारे काम अलग अलग है , हमारी पहचान एक है।
हम राजपूत है ये याद रखे , उसपर गर्व करे , बस कुछ गलत न करे।
Maharana Pratap Status – Maharana Pratap History in Hindi
#कभी_डरा_नहीं
#शिर_कट_गिरे_धरन_पर_पर_कर्ज_चुकाने_से_पहले
#क्षत्रिय_कभी_मरा_नहीं।..!
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने “राजपूतो” के घर पैदा ,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है..!!!
तब तक “राजपूत” किसी को तंग नहीं करता..!!
सर चढ़ जाती है ये दुनिया भूल जाती है,
के “राजपूत” की तलवार को कभी जंग नहीं लगता..!!!
मातृ भूमि के खातिर , जंगल में कई साल गुजारे थे…
महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना
लंगडे घोड़े पे दाव नही लगाये जाते,
वीर तो लाखों होते है पर सभी महाराणा प्रताप नही होते ,
पूत तो होते है धरती पे सभी… पर सभी “राजपूत” नही होते..!!
मेरे राजपूत शेर शिकार करने के लिए बैठे हैं !
दुखों का पहाड़ झुकाने सूरमा आज गंभीर बैठे हैं ,
मेरे वीर राजपूत इतिहास लिखने के लिए बैठे हैं !
हाँ मैं ‘क्षत्रिय ’ हूँ, इस बात का है ग़ुरूर मुझे,
दंभ है पश्चिम तुझे, चुटकी में तोड़ देंगे हम,
हुंकार भर जो उठ गए, घमंड तेरा चूर है,
सांसों में मेरी संस्कृति है, वेद बहते ख़ून में,
पुराण-शास्त्र-उपनिषद, चेहरे का मेरे नूर है,.
आगे बढ़े पर रुके नहीं
लड़े आंधी और तूफानों में
आत्म गौरव है राजपूतानो में !!
वरना
खाली डराना तो कुत्ते भी जानते है
#राजपूत हो तो खूंखार होना चाहिये वरना खूबसूरत तो लड़िकयां
भी होती है !!
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