विश्व एड्स दिवस पर कविता: विश्व एड्स दिवस हर वर्ष १ दिसंबर को पुरे विषभर में मनाया जाता है | इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगो को एड्स के प्रति जागरूक करना है साथ ही साथ जागरूकता के तहत लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है व् कई अभियान चलाए जाते हैं | जिससे की इस महामारी को जड़ से ख़त्म करने में मदद की जा सके | एड्स एक प्रकार की जानलेवा बीमारी है क्युकी अभी तक इस बीमारी का कोई भी इलाज संभव नहीं है | अगर आप विश्व एड्स दिवस पर कविता – World Aids day Par Kavita, World Aids Day Poem in Hindi ढूंढ रहे है तो यह से प्राप्त कर सकते है और ज्यादा से ज्यादा लोगो को इस महामारी के प्रति जागरूक भी कर सकते है
भारत में भी एड्स अपने पैर पसारे हुए है लेकिन देश में इसका इलाज होना बहुत मुश्किल होता है। इसके पीछे कई कारण हैं जैसे- एचआईवी पॉजीटिव लोगों के साथ भेदभाव करना, लोगों में जागरूकता की कमी होना, लोगों के मन में एड्स को लेकर तरह-तरह के भ्रम होना, लोगों का असुरक्षित यौन संबंध बनाना इत्यादि।
विश्व एड्स दिवस पर कविता
ये ज़मीं खाएगी , न आसमां खा जाएगा
आदमी को फ़क़त उसका गुनाह खा जाएगा
ज़िना से बचो और छोड़ दो लवातुत को तुम
दुनिया से एड्स खुद ब खुद चला जाएगा
सुन्नत में पोशीदा है सेहत ओ ताक़त का राज़
ख़त्ना करा लो, जीने का मज़ा आ जाएगा
‘ध्यान’ करो मगर बीवी का भी रखो ध्यान
तुम्हारे गंदे अंग से मर्ज़ उसे चला जाएगा
सेक्स है तो है दुनिया में है वुजूदे मर्दो ज़न
सेक्स में गड़बड़ से नक्स बड़ा आ जाएगा
दाता को आशा है इंसां से आज भी
कि मेरी राह पर बंदा एक रोज़ आ जाएगा
World Aids day Par Kavita
Bura ladka hua hai ladki huyee hai
Chingari Aids ki badki huyee hai
Yon rog ke kauf ke saye
Dunia ki chati dhadaki huyee hai..!!Payal ki hassi main khed chipe hai
Dil main hawas ke ched chipe hai
Soch samaj ke tu hath lagana
Ismain bhala ki bhed chipe hai
Paglayee jawani hadki huyee hai
Chingair Aids ki badki huyee hai..!!Jab tak tum jawan hai masti rahegi
Pyar ki aabaad basti rahegi
Lekin tu hawas main ulaj gaya toh
Teri maut ke aagosh hasti rahegi
Buniyade hasti ki tadki huyee hai
Chingari Aids ki badki huyee hai..!!
World Aids Day Poem in Hindi
AIDS , Mujhe Kyu
Baccha hoon main , Saccha hoon main
Par zindagi se thoda Kaccha hoon main
Dekhe har koi mujhe, par pass na aaye
Kehte hai sub, AIDS ka mareez hoon mainPata nahi mujhe, yeh Aids kya hota
Par jo bhi hota, bahut bura hota
Koi mujhse milta nahi, koi saath khelta nahi
School bulata nahi , waqt tham jaata kahiMaa se kehta hoon jab , doctor banna mujhe
Thoda padhna mujhe, thoda khelna mujhe
Sun kar jaane kyu, aankhein uski bhar jaati hai
Ro- ro kar, woh mujhe bus yeh samjhaati haiMain hoon thoda alag, main hoon thoda juda
Meri zindagi ka maalik , toh hai bus woh khuda
Doctor bhi kehta hai , ab mere pass hai do –chaar din
Maa kehti hai , ab kaise rahugi main tere binRo mat o maa , wapas aauga main
Khuda se mil kar ,usey samjhauga main
Mujhe bhej de dubara, haan tu maa ke pass
Par saath mein na bhejna,yeh Aids ka ehsaasBaccha hoon main , Saccha hoon main
Par zindagi se thoda Kaccha hoon main
World Aids day Par Kavita in Hindi
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छूने से तुझे कतराए कोई
इस बात से तू अनजान नहीं
शादी की पहली रात जो बीती
H I V का सगुन मिला
बिन तेरी गलती के कुछ भी
एड्स का जैसे जहर मिला
एक रात के उस छूने से अब तो
छुआछूत आरम्भ हुआ
पर तू ना हटना पीछे बिलकुल
डट कर सामना करती जा
मरी नहीं अब जिन्दा है तू
एड्स नहीं इंसान है तू
एड्स तो बस एक रोग है कोई
ये रोग तेरी पहचान नहीं
ये रोग तेरी पहचान नहीं
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