गणेश चतुर्थी पर कविता 2018: गणेश चतुर्थी को गणेशोत्सव या विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है | ये पुरे भारत में काफी हर्सोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है | इस दिन ज्यादातर हिन्दू गणेश जी की बड़ी बड़ी प्रतिमाये स्थापित करते है व् बड़ी धूम धाम से पूजा करते है | लेकिन सबसे ज्यादा लाल बाग के राजा (Lalbaugcha Raja-लालबागच्या राजाचा) की चर्चा होती है | इस बार भी लाल बाग के राजा को बड़े ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया है. सोने के मुकुट के साथ वो शान से बैठे नजर आ रहे हैं | गणेशोत्सव की सबसे पहले स्थापना बालगंगाधर जी ने की थी जब भारत अंग्रेज़ो का गुलाम था | उस वक़्त बड़े बड़े पंडाल बनाये जाते थे और स्वतंत्रता की चर्चाये की जाती थी | आज में आपको “गणेश चतुर्थी पर कविता 2018 – Ganesh Chaturthi Par kavita in Hindi 2018” इस पोस्ट के माध्यम से गणेश चतुर्थी पर कविता साँझा कर रहा हूँ| जिन्हे आप अपने प्रियजनों के साथ व्हाट्सप्प और फेसबुक पर आसानी से शेयर कर सकते है |
गणेश चतुर्थी पर कविता 2018
कितना रूप राग रंग
कुसुमित जीवन उमंग!
अर्ध्य सभ्य भी जग में
मिलती है प्रति पग में!श्री गणपति का उत्सव,
नारी नर का मधुरव!
श्रद्धा विश्वास का
आशा उल्लास का
दृश्य एक अभिनव!
युवक नव युवती सुघर
नयनों से रहे निखर
हाव भाव सुरुचि चाव
स्वाभिमान अपनाव
संयम संभ्रम के कर!
कुसमय! विप्लव का डर!
आवे यदि जो अवसर
तो कोई हो तत्पर
कह सकेगा वचन प्रीत,
‘मारो मत मृत्यु भीत,
पशु हैं रहते लड़कर!
मानव जीवन पुनीत,
मृत्यु नहीं हार जीत,
रहना सब को भू पर!’
कह सकेगा साहस भर
देह का नहीं यह रण,
मन का यह संघर्षण!
‘आओ, स्थितियों से लड़ें
साथ साथ आगे बढ़ें
भेद मिटेंगे निश्वय
एक्य की होगी जय!
‘जीवन का यह विकास,
आ रहे मनुज पास!
उठता उर से रव है,–
एक हम मानव हैं
भिन्न हम दानव हैं!’
गणेश चतुर्थी पर कविता इन हिंदी
यह उत्सव, हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक दस दिनों तक चलता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी भी कहते हैं। अगर आप गणेश चतुर्थी पर कविता २०१८, गणेशोत्सव पर कविता इन हिंदी, गणेश चतुर्थी पर शायरी इन हिंदी, गणेश चतुर्थी पर कोट्स इन हिंदी, Ganesh Chaturthi Par kavita in Hindi 2018, Ganesh Chaturthi Par kavita in Hindi, Ganesh Chaturthi Par shayari in Hindi 2018 आदि यह से पढ़ सकते है व् अपने प्रियजनों के साथ आसानी से किसी भी सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते है
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी।
हर लो हमारे, प्रभु सारे दु:ख क्लेशजी।।धर्म के नाम पर, जंग छिड़ी हैं यहां।
हिन्द बंट जाए, यही चाहता है ये जहां।।आपस के झगड़ों में, डूबे न देश जी।
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी…।।दूर होते जा रहे हैं लोग संस्कृति से।
करते हैं खिलवाड़, ये रोज प्रकृति से।दो बुद्धि गंदा न करें, ये परिवेशजी।
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी…।।हम हैं तुम्हारे सेवक प्रभो! सर्वदा से ही।
हमको बचा लो प्रभु, घोर विपदा से जी।अनुग्रह करें, भक्तों पर तो विशेषजी।
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी…।।हिन्द मेरा बस सदा आबाद ही रहे।
गीता का संदेश कथा रामायण की कहे।।दिन-रात करे, उन्नति ये मेरा देश जी।
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी…।।
Ganesh Chaturthi Par kavita in Hindi 2018
गणपति जी हैं सबके प्यारे,
शिव गौरा के राजदुलारे,
भोली और प्यारी सी सूरत,
सवारी बने हैं उनकी, मूषक
मोदक उनको बहुत हैं भाते,
बड़े प्यार और चाव से खाते,
देवों में वह देव हमारे,
सबसे पहले उनकी पूजा करते हैं सारे,
रिद्धि सिद्धि के हैं दाता,
हम सबके वह भाग्यविधाता,
जो उनकी पूजा है करते,
गणपति उनके विघ्न है हरते,
गणेश चतुर्तिथि जब भी आये,
बड़े प्यार से सब हैं मनायें,
जिनके घर गणेशा जाते,
मंगल ही मंगल सब होता,
दुःख संताप मिटते हैं सारे।
Ganesh Chaturthi Par kavita in Hindi
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे (मस्तक) पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।
(माथे पर सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी)पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
(हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा)
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥