Aaj hum aapke saamne Fir Se Haazir hai. ek nayi zordaar post ke sath apni post ” निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू – Nida Fazli Shayari in Hindi ” Jise aap apne yaar dosto tatha jo shayari ko pasand karta ho uske saath jaroor share kare. निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू – Nida Fazli Shayari in Hindi , निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू एक महान कवी के रूप मैं .
निदा फ़ाज़ली – दिल्ली में पिता मुर्तुज़ा हसन और माँ जमील फ़ातिमा के घर माँ की इच्छा के विपरीत तीसरी संतान नें जन्म लिया जिसका नाम बड़े भाई के नाम के क़ाफ़िये से मिला कर मुक़्तदा हसन रखा गया। दिल्ली कॉर्पोरेशन के रिकॉर्ड में इनके जन्म की तारीख १२ अक्टूबर १९३८ (12 Oct 1938) लिखवा दी गई। पिता स्वयं भी शायर थे। इन्होने अपना बाल्यकाल ग्वालियर में गुजारा जहाँ पर उनकी शिक्षा हुई। उन्होंने १९५८ में ग्वालियर कॉलेज (विक्टोरिया कॉलेज या लक्ष्मीबाई कॉलेज) से स्नातकोत्तर पढ़ाई पूरी करी।
Nida Fazli Shayari in Hindi
मोहब्बत में वफादारी से बचिये
जहाँ तक हो अदाकारी से बचिये
हर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन
लहू की शोब्दाकारी से बचिये
Nida Fazli Shayari in Hindiतुम्हारी कब्र पर मैं
फ़ातेहा पढ़ने नही आया,
मुझे मालूम था, तुम मर नही सकते
तुम्हारी मौत की सच्ची खबर
जिसने उड़ाई थी, वो झूठा था,
वो तुम कब थे?
कोई सूखा हुआ पत्ता, हवा मे गिर के टूटा था ।
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दूअपनी मर्जी से कहां अपने सफर के हम हैं,
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं
अब खुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला
हम ने अपना लिया हर रंग जमाने वाला
Nida Fazli Shayari in Hindiअब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला
हम ने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला
एक बे-चेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा
जिस तरफ़ देखिए आने को है आने वालाबहुत मुश्किल है बंजारा-मिज़ाजी
सलीक़ा चाहिए आवारगी में
ख़ुदा के हाथ में मत सौंप सारे कामों को
बदलते वक़्त पे कुछ अपना इख़्तियार भी रख
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू
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वो किसी लड़के से प्यार करती है
बहार हो के, तलाश-ए-बहार करती है
न कोई मेल न कोई लगाव है लेकिन न जाने क्यूँ
बस उसी वक़्त जब वो आती है
कुछ इंतिज़ार की आदत सी हो गई है
Nida Fazli Shayari in Hindiवो एक झुकती हुई बदनुमा सी नीम की शाख
और उस पे जंगली कबूतर के घोंसले का निशाँ
यह सारी चीजें कि जैसे मुझी में शामिल हैं
मेरे दुखों में मेरी हर खुशी में शामिल हैं
मैं चाहता हूँ कि वो भी यूं ही गुज़रती रहे
अदा-ओ-नाज़ से लड़के को प्यार करती रहेघर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया
होते ही सुब्ह आदमी ख़ानों में बट गया
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू
Nida Fazli Shayari in Hindi Top & Best Shayari
शराफत आदमियत दर्द मंदी
बड़े शहरों में बीमारी से बचिये
ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना
तकल्लुफ की रवादारी से बचिये
बिना पैरों के सर चलते नहीं हैं
बुजुर्गों की समझदारी से बचिये
Nida Fazli Shayari in Hindiकही कही से हर चेहरा तुम जैसा लगता है
तुमको भूल न पाएंगे हम ऐसा लगता है
ऐसा भी एक रंग है जो करता है बाते भी
जो भी इसको पहन ले वो अपना सा लगता हैकुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई
आओ कहीं शराब पिएं रात हो गई
कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता
कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलताहोश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िन्दगी क्या चीज़ है
उन से नज़रें क्या मिली रोशन फिजाएँ हो गईं
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज़ हैनक़्शा ले कर हाथ में बच्चा है हैरान
कैसे दीमक खा गई उस का हिन्दोस्तान
घर को खोजें रात दिन घर से निकले पाँव
वो रस्ता ही खो गया जिस रस्ते था गाँव
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू एक महान कवी के रूप मैं
इस अँधेरे में तो ठोकर ही उजाला देगी
रात जंगल में कोई शम्अ जलाने से रही
इतना सच बोल कि होंटों का तबस्सुम न बुझे
रौशनी ख़त्म न कर आगे अँधेरा होगा
Nida Fazli Shayari in Hindiअब भी यूं मिलते है हमसे फूल चमेली के
जैसे इनसे अपना कोई रिश्ता लगता है
और तो सब कुछ ठीक है लेकिन कभी कभी यूं ही
चलता फिरता शहर अचानक तन्हा लगता हैबदन में मेरे जितना भी लहू है,
वो तुम्हारी लगजिशों नाकामियों के साथ बहता है,
मेरी आवाज में छुपकर तुम्हारा जेहन रहता है,
मेरी बीमारियों में तुम मेरी लाचारियों में तुम |खड़ा हुआ मुस्कुरा रहा है
कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं
हवाएँ सर-सब्ज़ डालियों में
दुआओं के गीत गा रही हैं
महकते फूलों की लोरियाँ
सोते रास्तों को जगा रही
घनेरा पीपल,बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला
हम ने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू
Nida Fazli Shayari in Hindi For Share Facebook, Whatsapp
दूर के चांद को ढूंडो न किसी आँचल में
ये उजाला नहीं आँगन में समाने वाला
इक मुसाफ़िर के सफ़र जैसी है सब की दुनिया
कोई जल्दी में कोई देर से जाने वाला
Nida Fazli Shayari in Hindiमैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार
दुख ने दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार
नैनों में था रास्ता हृदय में था गाँव
हुई न पूरी यात्रा छलनी हो गए पाँवख़ुदा के हाथ में मत सौंप सारे कामों को
बदलते वक़्त पे कुछ अपना इख़्तियार भी रख
ख़ुश-हाल घर शरीफ़ तबीअत सभी का दोस्त
वो शख़्स था ज़ियादा मगर आदमी था कमतुम्हारी कब्र पर जिसने तुम्हारा नाम लिखा है,
वो झूठा है, वो झूठा है, वो झूठा है,
तुम्हारी कब्र में मैं दफन तुम मुझमें जिन्दा हो,
कभी फुरसत मिले तो फ़ातेहा पढनें चले आना |
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू हार्ट टचिंग शायरी
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समंदर मेरा
किससे पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ बरसों से
हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा
Nida Fazli Shayari in Hindiकोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के ब’अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गईख़ुश-हाल घर शरीफ़ तबीअत सभी का दोस्त
वो शख़्स था ज़ियादा मगर आदमी था कम
बृन्दाबन के कृष्ण कन्हय्या अल्लाह हू
बंसी राधा गीता गैय्या अल्लाह हू
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दूदुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है
अच्छा-सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम
हर वक़्त का रोना तो बेकार का रोना हैमेरी तस्वीर आँख का आँसू
मेरी तहरीर* जिस्म का जादू
मस्जिदों-मन्दिरों की दुनिया में
मुझको पहचानते नहीं जब लोग
Nida Fazli Shayari in Hindiखुदा के हाथ में मत सौंप सारे कामों को
बदलते वक्त पे कुछ अपना इख्तिकार भी रख
तुम से छूट कर भी तुम्हें भूलना आसान न था
तुम को ही याद किया तुम को भुलाने के लिएकिस से पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से
हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखोमैं भी तू भी यात्री चलती रुकती रेल
अपने अपने गाँव तक सब का सब से मेल
उस जैसा तो दूसरा मिलना था दुश्वार
लेकिन उस की खोज में फैल गया संसार
निदा फ़ाज़ली पर शायरी इन उर्दू