मदर्स डे पर कविता 2020 – मातृ दिवस पर कविता – Poem on Mother’s Day in Hindi – Mother’s Day Poem in Hindi

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मातृ दिवस पर कविता: माँ कहने को एक छोटा सा शब्द है लेकिन इस शब्द का मतलब शायद ही कोई शब्द बयां कर पाए । सबसे पहले आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । मेरा मानना है जब भगवान ने सोचा में हर घर में नहीं रह सकता तब उसने माँ बनायीं और अपने प्रतिनिधि के रूप में हर घर में भेज दी । जरा सोचिये माँ ने आपके लिए क्या क्या नहीं किया है एक वही है जिसने अपनी जान दाव पर लगाकर आपको जन्म दिया और आज के दौर में लोग अपनी माँ को वृद्वाश्रम छोड़ आते है । में उन लोगो से बस इतना ही कहना चाहता हु की माँ बस आपसे इतना चाहती है की आप वृद्धावस्था में उनका सहारा बने । आशा करता हूँ कि आप सभी को यह कविताओं का संग्रह अच्छा लगेगा | आज के पोस्ट में हम आपके साथ मदर्स डे पर कविता 2020, मातृ दिवस पर कविता, Poem on Mother’s Day in Hindi, Mother’s Day Poem in Hindi शेयर कर रहे है |

मातृ दिवस पर कविता

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मां कबीर की साखी जैसी,
तुलसी की चौपाई-सी,
मां मीरा की पदावली-सी,
मां है ललित रुबाई-सी.

मां वेदों की मूल चेतना,
मां गीता की वाणी-सी,
मां त्रिपिटिक के सिद्ध सुक्त-सी,
लोकोक्तर कल्याणी-सी.

मां द्वारे की तुलसी जैसी,
माँ बरगद की छाया-सी,
मां कविता की सहज वेदना,
महाकाव्य की काया-सी.

मां अषाढ़ की पहली वर्षा,
सावन की पुरवाई-सी,
मां बसन्त की सुरभि सरीखी,
बगिया की अमराई-सी.

मां यमुना की स्याम लहर-सी,
रेवा की गहराई-सी,
मां गंगा की निर्मल धारा,
गोमुख की ऊंचाई-सी.

मां ममता का मानसरोवर,
हिमगिरि-सा विश्वास है,
मां श्रृद्धा की आदि शक्ति-सी,
कावा है कैलाश है.

माँ धरती की हरी दूब-सी,
मां केशर की क्यारी है,
पूरी सृष्टि निछावर जिस पर,
मां की छवि ही न्यारी है.

माँ धरती के धैर्य सरीखी,
माँ ममता की खान है,
मां की उपमा केवल है,
मां सचमुच भगवान है.

मदर्स डे पर कविता

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घुटनों से रेंगते-रेंगते,
कब पैरो पर खड़ा हुआ|
तेरी ममता की छाओ में,
जाने कब बड़ा हुआ|
काला टिका दूध मलाई|
आज भी सब कुछ वैसा है|
मैं ही मैं हूँ हर जगह,
प्यार ये तेरा कैसा है
सीधा-साधा, भोला-भला,
मैं ही सबसे अच्छा हूँ|
कितना भी हो जाऊ बड़ा,
माँ ! मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ!

Poem on Mother’s Day in Hindi

धुप में छाया जैसे,
प्यास में दरिया जैसे
तन में जीवन जैसे,
मन में दर्पण जैसे,
हाथ दुआओं वाले रोशन करे उजाले,
फूल पे जैसे शबनम, सांस में जैसे सरगम,
प्रेम की मूरत दया की सूरत ,
ऐसे और कहाँ है ,जैसी मेरी माँ है।
जब भी अँधेरा छा जाये
वोह दीपक बन जाए ,
जब इक अकेली रात सताए,
वोह सपना बन जाए,
अन्दर नीर बहाए ,
बाहर से मुस्काए,
काया वोह पावन सी,मथुरा-वृन्दावन जैसी,
जिसके दर्शन में हो भगवन ,
ऐसी और कहाँ है,जैसी मेरी माँ है

Mother’s Day Poem in Hindi

Happy Mother Day 2020: मातृ दिवस हर साल मई में दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस साल 2020 में, यह 13 मई को बहुत खुशी के साथ मनाया जाएगा |हममें से प्रत्येक को माँ का सम्मान और उसकी देखभाल करने की ज़िम्मेदारी है। आप इसे अपना प्यार या त्याग कह सकते हैं, लेकिन वह अकेली ही है जिसने हमारे अस्तित्व को सार्थक बनाया है।

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माँ और भगवान
मैं अपने छोटे मुख कैसे करूँ तेरा गुणगान,
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान..
माता कौशल्या के घर में जन्म राम ने पाया,
ठुमक-ठुमक आँगन में चलकर सबका हृदय जुड़ाया..
पुत्र प्रेम में थे निमग्न कौशल्या माँ के प्राण,
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान..
दे मातृत्व देवकी को यसुदा की गोद सुहाई..
ले लकुटी वन-वन भटके गोचारण कियो कन्हाई,
सारे ब्रजमंडल में गूँजी थी वंशी की तान..
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान..
तेरी समता में तू ही है मिले न उपमा कोई,
तू न कभी निज सुत से रूठी मृदुता अमित समोई..
लाड़-प्यार से सदा सिखाया तूने सच्चा ज्ञान,
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान!
कभी न विचलित हुई रही सेवा में भूखी प्यासी..
समझ पुत्र को रुग्ण मनौती मानी रही उपासी,
प्रेमामृत नित पिला पिलाकर किया सतत कल्याण..
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान!
‘विकल’ न होने दिया पुत्र को कभी न हिम्मत हारी,
सदय अदालत है सुत हित में सुख-दुख में महतारी..
काँटों पर चलकर भी तूने दिया अभय का दान,
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान!

पोएम ऑन मदर्स डे इन हिंदी

क्या सीरत, क्या सूरत थी,
माँ ममता की मूरत थी।
पांव छुए और काम बने,
अम्मा एक महूरत थी।
बस्ती भर के दुःख सुख में,
एक अहम जरूरत थी।
सच कहते हैं माँ हमको,
तेरी बहुत जरूरत थी।

अपने आंचल की छाओं में,
छिपा लेती है हर दुःख से वोह,
एक दुआ दे दे तो,
काम सारे पूरे हों…
अदृश्य है भगवान,
ऐसा कहते है जो…
कहीं न कहीं एक सत्य से,
अपरिचित होते है वो…
खुद रोकर भी हमें,
हसाति है वोह…
हर सलीका हमें,
सिखलाती है वोह…
परेशानी हो चाहे जितनी भी,
हमारे लिए मुस्कुराती है वोह…
हमारी खुशियों की खातिर,
दुखों को भी गले लगाती है वो…
हम निभाएं न निभाएं,
अपना हर फर्ज निभाती है वोह…
हमने देखा जो सपना,
सच उसे बनाती है वो…
दुःख के बादल जो छाए हमपर,
तो धूप सी खिल जाती है वोह…
जिंदगी की हर रेस में,
हमारा होसला बढ़ाती है वोह…
हमारी आँखों से पढ़ लेती है,
तकलीफ और उसे मिटाती है वोह…
पर अपनी तकलीफ कभी नहीं जताती है वोह…
शायद तभी भगवान से भी ऊपर आती है वोह…
तब भी त्याग की मूरत नहीं माँ कहलाती है वोह…

small poem on mother in hindi

मातृ दिवस पर कविता

माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाए,
जिसको निगाहों में बिठाया जाए,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसे कि,
वो अगर उदास हो तो हमसे भी
मुस्कुराया न जाए।

शख्शियत, ए ‘लख्ते-जिगर’, कहला न सका।
जन्नत.. के धनी पैर.. कभी सहला न सका।
दूध, पिलाया उसने छाती से निचोड़कर,
मैं निक्कमा, कभी एक गिलास पानी पिला न सका।
बुढ़ापे का सहारा.. हूँ ‘अहसास’दिला न सका,
पेट पर सुलाने वाली को ‘मखमल’ पर सुला न सका।
वो ‘भूखी’, सो गई ‘बहु’, के ‘डर’ से एकबार मांगकर,
मैं सुकून.. के ‘दो’, निवाले उसे खिला न सका।
नजरें उन बूढी, आँखों.. से कभी मिला न सका।
वो दर्द, शती रही मैं खटिया पर तिलमिला न सका।
जो हर रोज ममता, के रंग पहनाती रही मुझे,
उसे दीवाली पर दो जोड़े, कपड़े सिला न सका।
बिमार बिस्तर से उसे शिफा, दिला न सका।
खर्च के डर से उसे बड़े अस्पताल, ले जा न सका।
माँ के बेटा कहकर दम, तौड़ने बाद से अब तक सोच रहा हूँ,
दवाई, इतनी भी महंगी.. न थी कि मैं ला न सका।

Mother’s Day Poem in English

This poem for mother lets mom know what a huge influence she has been in making you the person you are. Affectionate messages for mothers can mean a lot. Today we sharing with you Mother’s Day Poem From Son, Mother’s Day Poem From Daughter, Small Poem for Mothers, Mother’s Day Poem 2020, मदर्स डे पर कविता 2020, मातृ दिवस पर कविता, Poem on Mother’s Day in Hindi, Mother’s Day Poem in Hindi, Mother’s Day Poem in Hindi.

मातृ दिवस पर कविता

Mom, you’re a wonderful mother,
So gentle, yet so strong.
The many ways you show you care
Always make me feel I belong.

You’re patient when I’m foolish,
You give guidance when I ask;
It seems you can do most anything;
You’re the master of every task.

You are a dependable source of comfort;
You’re my cushion when I fall.
You help in times of trouble;
You support me whenever I call.

I love you more than you know,
You have my total respect.
If I had my choice of mothers,
You’d be the one I’d select!

माँ पर कविता

चिरागों में,
रोशनी अनंत जैसी हों I
माँ तुम बिल्कुल ,
वसंत जैसी हो I

घर की तुलसी में ,
पूजा का मंत्र जैसी हो l
माँ तुम बिल्कुल ,
वसंत जैसी हो l

सिर ढके आँचल में ,
कोई अधिकार स्वतंत्र जैसी होl
माँ तुम बिल्कुल ,
वसंत जैसी हो l

विपदाओं में धैर्य बाँचती ,
संत जैसी हो l
माँ तुम बिल्कुल ,
वसंत जैसी हो l

मेरी खुशियों में,
दुआओं का तंत्र जैसी हो l
माँ तुम बिल्कुल ,
वसंत जैसी हो ll

चलती फिरती आँखों से
अजा देखी है
मैंने जन्नत नहीं देखी पर माँ देखी है

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